Thursday, August 21, 2025

बुलंदशहर डीएम के जांच के लिए लिखा गया पत्र डाक में चढ़ने के बाद कैसे हुआ गायब बताएं सीएमओ बुलंदशहर

 बुलंदशहर से कुलदीप कुमार सक्सेना की रिपोर्ट।    सीएमएसडी स्टोर में नियमानुसार आखिर क्यों नहीं की गई तैनाती, शिकायत कर्ता ने कमिश्नर से लिखित में की शिकायत-                       डीएम का पत्र सीएमओ कार्यालय से आखिर कैसे हुआ गुम किसकी रही मिलीभगत आखिर जिम्मेदार कौन

बुलंदशहर:- स्वास्थ्य विभाग में रोज कुछ न कुछ कारनामे सामने आते रहते हैं। जैसे अब चीफ फार्मासिस्ट के पद पर नियम के विरुद्ध तैनाती का आरोप लगाते हुए कमिश्नर से शिकायतकर्ता ने शिकायत की है। शिकायतकर्ता  की शिकायत पर कमिश्नर ने संज्ञान लेते हुए बुलंदशहर डीएम को एक लिखित पत्र भेजा। उस लिखित पत्र का बुलंदशहर डीएम ने संज्ञान लेते हुए बुलंदशहर सीएमओ को जांच करने के लिए एक लिखित पत्र भेजा, लेकिन सोचने की बात यह है कि कार्यालय से आखिर डाक में चढ़ने के बाद लिखित पत्र कहां गुम हो गया आखिर उसे जमीन खां गई या आसमान ( सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार)। आखिर सीएमओ को पत्र क्यों नहीं मिला है,? या जांच से बचाने के लिए मिली भगत से किया गया यह खेल??


सूत्रों से मिली जानकारी व सबूतों के आधार पर न्यू हाईकोर्ट लखनऊ के अधिवक्ता विनय सिंह ने मेरठ कमिश्नर को भेजे शिकायती पत्र में बताया कि वर्ष 2024 के अक्टूबर में तत्कालीन सीएमएसडी स्टोर इंचार्च/ चीफ फार्मासिस्ट जगदीश तेवतिया सेवानिवृत्त हो गए। नियमानुसार सीएमएसडी स्टोर का प्रभार चीफ फार्मासिस्ट को दिया जाता है, लेकिन सीएमओ ने नियमों को दरकिनार करते हुए फार्मासिस्ट संदीप चौधरी को चीफ फार्मासिस्ट का कार्यभार दे दिया। जबकि विभाग में कई चीफ फार्मासिस्ट मौजूद हैं। अधिवक्ता ने कमिश्नर से जांच कर कार्यवाही की मांग की। शिकायती पत्र का संज्ञान लेते हुए अपर आयुक्त मेरठ मंडल ने बुलंदशहर डीएम श्रुति शर्मा को शिकायती पत्र फार्रवार्ड करते हुए जांच के निर्देश दिए। जिस पर बुलंदशहर डीएम ने सीएमओ को पत्र भेजकर कार्यवाही के निर्देश दिए। आपको बता दें कि अगस्त के पहले सप्ताह में यह शिकायती पत्र सीएमओ कार्यालय की डाक में पहुंच गया, लेकिन उसके बाद शिकायती पत्र गुम हो गया या मिली भगत करके हटा दिया गया। यह शिकायती पत्र मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मुख्य सचिव समेत कई बड़े अफसरों को भी भेजा गया। बुलंदशहर डीएम द्वारा भेजे शिकायती पत्र का डाक में चढ़ने के बाद गुम होने का मामला बुलंदशहर जिले के सभी अस्पतालों में चर्चा का विषय बन गया है। जब इसकी जानकारी पत्रकारों के द्वारा सीएमओ डा. सुनील कुमार दोहरे से ली गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया था, लेकिन जांच पत्र नहीं मिला। हाईकोर्ट में तारीख के चलते बाहर रहना पड़ा। गुरुवार को पत्र को दिखवाता हूं अगर पत्र नहीं मिलता है तो स्टाफ को कारण बताओं नोटिस जारी कर आख्या ली जाएगी। वहीं फार्मासिस्ट संदीप चौधरी का कहना है कि चीफ फार्मासिस्ट का चार्ज किसी और के पास ही है। मेरी तैनाती सहयोग के लिए ही लगाई गई है। लेकिन सवाल तो यह उठता है कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही विभाग में हुई तो कैसे??